Google Bert Algorithm गूगल आए दिन सर्च इंजन से संबंधित नए-नए अपडेट जारी करता रहता है, पिछले कुछ समय में गूगल द्वारा बहुत से चेंज किए जा रहे हैं जिसमें गूगल ने नए गूगल सर्च कंसोल को भी लांच किया । इसके अलावा वर्ष 2019 में गूगल सर्च एल्गोरिथम में बहुत से बदलाव देखे गए जिसका कई तरह की साइट पर पॉजिटिव एवं नेगेटिव इंपैक्ट अनुभव किया गया है। हाल ही में गूगल ने गूगल बर्ट 2019 नामक नए अपडेट को जारी किया है|
जिसके कारण कई साइट्स का ट्राफिक या तो 50% तक कम हो गया है या 300% तक बढ़ गया है । क्या है गूगल बर्ट अपडेट जिसके कारण साइड के ट्रैफिक पर इतना ज्यादा परिवर्तन अनुभव किया जा रहा है, यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है जिसका जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलेगा। तो आइये जानते गूगल बर्ट के बारे में इस आर्टिकल के माध्येम से |

क्या हैं Google Bert Algorithm ? What is Google Bert Algorithm.
पिछले वर्ष ही गूगल द्वारा बर्ट टेक्निक को लांच किया गया था जोकि नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के लिए एक open-source न्यूरल नेटवर्क पर आधारित था । इस तकनीक का उपयोग प्रश्न एवं उनके उत्तर देने बाली सुविधा को प्रदान करना था ।
यह जरूरी नहीं है कि कोई भी यूजर सर्च इंजन पर एक पूरे वाक्य को खोजें ज्यादातर यूजर तरह-तरह के शब्दों को डालकर अपने प्रश्नों को पूछते हैं। इन तरह-तरह के शब्दों को मिलाकर गूगल यूजर के पुछे गए सवाल को खुद ही समझ जाता है और उस सवाल के मुताबिक यूजर को उसका मनचाहा रिजल्ट देता है ।
गूगल जब इस तरह से बहुत ही शानदार तरीके से अपने यूजर को उत्तर देता है फिर भी बर्ट एल्गोरिथ्म क्यों लांच किया गया ?
भले ही गूगल द्वारा बहुत ही शानदार एल्गोरिथ्म पहले ही लांच की जा चुकी है फिर भी जब भी कोई यूजर बहुत ही कांपलेक्स क्वेरी सर्च इंजन पर डालता है तो उसे बहुत एक्यूरेट आंसर गूगल द्वारा प्रोवाइड नहीं किया जाता । इस कारण गूगल अपनी अब तक की एल्गोरिथ्म से संतुष्ट नहीं था इसलिए अपने सर्च इंजन को और अधिक इंप्रूव करने के लिए और यूजर की क्वेरी को ज्यादा अच्छी तरह से समझने के लिए गूगल ने एक नई एल्गोरिथ्म को लॉन्च किया है जिससे वह Google Bert कह रहा है ।
सर्च एल्गोरिथ्म में जो बदलाव किए गए हैं वह केवल सॉफ्टवेयर में ही नहीं किए गए हैं इस तरह के बदलाव नए हार्डवेयर में भी किए गए हैं ।
Google Bert Algorithm
क्या हैं क्लाउड टीपीयू
इस बार पहली बार क्लाउड टीपीयू का इस्तेमाल हार्डवेयर एडवांसमेंट के रूप में किया गया है, क्लाउड टीपीयू गूगल के अन्य प्रोडक्ट जैसे ट्रांसलेटर, फोटोज, सर्च असिस्टेंट एंड जीमेल जैसी सुविधाओं को शक्ति देता है । यह क्लाउड डीपीओ सर्च इंजन के साथ जोड़कर यूजर के द्वारा पूछे गए सवाल का सही से सही जवाब देने में सर्च इंजन की मदद करता है ।
क्या गूगल बर्ट का स्न्निपिट पर असर देखा जाएगा ?
बर्ट इसलिए लांच किया गया है ताकि यूजर जो क्वेरी करना चाहता है उसे उसके मुताबिक सही से सही आंसर दिया जा सके। एल्गोरिथ्म का फर्क स्निपेट पर भी देखा जाएगा । स्निपेट वो सेक्शन होता है जब हम कोई क्वेरी करते हैं तो गूगल द्वारा हमें हमारे आंसर का थोड़ा सा भाग दिखाया जाता है जिसे देख कर उसेर उस आर्टिक्ल पर क्लिक करता हैं इस प्रकार स्न्निपिट का बहुत बड़ा रोल माना जा सकता हैं । बर्ट एल्गोरिथ्म का असर इस स्न्निपिट सेक्शन पर भी देखा जाएगा।
मुख्यतः बर्ट का असर सेंटेंस वाली क्वेरी पर देखा जाएगा । नए एल्गोरिथ्म के मुताबिक बर्ट अब प्रीपोजिशन जैसे शब्दों को समझ सकेगा । वे शब्द जो कि 2 शब्दों के बीच में संबंध स्थापित करते हैं । उन शब्दों के अर्थ को बर्ट एल्गोरिथ्म समझ सकता हैं और उसी के अनुसार अब वह पूछे जाने वाले सवालों का सही से सही जवाब देने में समर्थ होगा ।
Google Bert Algorithm
क्या बर्ट एल्गोरिथम के मुताबिक हमें हमारी SEO स्ट्रैटेजी में परिवर्तन करना चाहिए ?
गूगल की यह एल्गोरिथ्म केवल यूजर को ध्यान में रखकर बनाई गई है । इस एल्गोरिथ्म का कतई यह मतलब नहीं है कि वह किसी भी तरह की साइट्स को दंडित करें, इसलिए इस एल्गोरिथ्म के मुताबिक किसी भी साइट ओनर को अपने SEO स्ट्रैटेजी में अधिक परिवर्तन करने की जरूरत नहीं है । बस उन्हें यह ध्यान रखना है कि वह अपने टॉपिक पर विस्तृत और अच्छे से अच्छी जानकारी देने का प्रयास करें ।
गूगल बर्ट के फायदे एवं नुकसान – Advantage and Disadvantage of Google Bert.
हर एल्गोरिथ्म के अच्छे एवं बुरे दोनों ही तरह के परिणाम देखने को मिलते हैं, एक तरफ यह एल्गोरिथ्म यूजर के लिए अच्छे परिणामों को लेकर आएगा । वही इस एल्गोरिथ्म के लिए जो फीचर्स गूगल द्वारा तय किए गए हैं उसके अनुसार या एल्गोरिथ्म कीवर्ड डेंसिटी वाले आर्टिकल को चुनते हुए यूजर की क्वेरी को पूरी तरह से समझ कर उसके सवाल के अनुसार उसे उत्तर प्रोवाइड कराएगी जिसके लिए इस एल्गोरिथ्म को क्वेरी एवं आर्टिकल की लैंग्वेज को पूरी तरह से समझना पड़ेगा जो कि एक चैलेंज के रूप में देखा जा सकता है । साथ ही इस एल्गोरिथ्म का असर 10% सर्च क्वेरी पर पड़ेगा जो कि बहुत अधिक माना जा रहा है ।
साइट ओनर को क्या करना चाहिए ?
जैसा कि हम सभी को समझ आ गया है कि गूगल अब पूछे जाने वाले प्रश्नों को और अधिक बेहतर तरीके से समझ कर उन्हें जवाब देने वाला है । इस प्रकार गूगल अब वाक्यों को समझकर, उनका उत्तर देगा इसीलिए जरूरी है कि कोई भी साइट इस तरह के आर्टिकल लिखें जिसमें टॉपिक के बारे में विस्तृत जानकारी हो अर्थात वह किसी टॉपिक के long-tail कीवर्ड पर लिखे जिससे यूजर जिस भी सवाल को करें उसका उत्तर उसे पूरे आर्टिकल में मिल सके ।
साथ ही आर्टिकल की लंबाई की बारे में बहुत ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब ऐसा नहीं है कि लंबे लंबे आर्टिकल को ही गूगल प्रीफ्रेंस देगा । गूगल को अपने जवाब से मतलब है इसीलिए उसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने आर्टिकल कितना लंबा लिखा है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि जिन लोगों ने लंबे आर्टिकल लिखें हैं उन्हें कोई नेगेटिव इंपैक्ट देखने को मिलेगा ।
Google Bert Algorithm
Conclusion
आज हमने इस पोस्ट के माध्येम से ये जाना की गूगल बर्ट अल्गोरित्ज्म क्या है| और ये काम कैसे करता है अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो आप इसको अपने दोस्तों और परिवार वालो के साथ शेयर जरुर करे धन्यवाद |